उद्देश्यम्‌

संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है। इसे देवभाषा, सुरभाषा, वेदभाषा की संज्ञा से अभिहित किया गया है। उत्तराखण्ड सरकार ने देवभाषा संस्कृत को वर्ष 2010 से राज्य की द्वितीय भाषा के रूप में स्वीकार किया है। संस्कृत की प्राचीनता, महत्ता व विशिष्टता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत संचालित संस्कृत विद्यालयों की परिषदीय परीक्षाओं के संचालन हेतु उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् का गठन किया गया है।

परीक्षा-परिणामः‌

समाचारः घटनाक्रमः च

उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद्

राज्य के अन्तर्गत संचालित संस्कृत विद्यालयों की पूर्वमध्यमा (कक्षा-10) एवं उत्तरमध्यमा (कक्षा-12) परिषदीय परीक्षाओं का आयोजन/संचालन उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् द्वारा वर्ष 2017 से विधिवत् किया जा रहा है। उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् को कोबसे (Council of Board of School Education in India) द्वारा वर्ष 2016 से विधिवत् सदस्यता प्रदान की गयी है। वर्तमान में उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालय का संचालन द्वितीय तल, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, देहरादून से किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद्

संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है। इसे देवभाषा, सुरभाषा, वेदभाषा की संज्ञा से अभिहित किया गया है। उत्तराखण्ड सरकार ने देवभाषा संस्कृत को वर्ष 2010 से राज्य की द्वितीय भाषा के रूप में स्वीकार किया है। संस्कृत की प्राचीनता, महत्ता व विशिष्टता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत संचालित संस्कृत विद्यालयों की परिषदीय परीक्षाओं के संचालन हेतु उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् का गठन किया गया है।


प्रशासनिक परिचय