अस्माकं विषये

उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद्

संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा है। इसे देवभाषा, सुरभाषा, वेदभाषा की संज्ञा से अभिहित किया गया है। उत्तराखण्ड सरकार ने देवभाषा संस्कृत को वर्ष 2010 से राज्य की द्वितीय भाषा के रूप में स्वीकार किया है। संस्कृत की प्राचीनता, महत्ता व विशिष्टता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत संचालित संस्कृत विद्यालयों की परिषदीय परीक्षाओं के संचालन हेतु उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा अधिनियम 2014 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् का गठन किया गया।

उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् को कोबसे (Council of Board of School Education in India) द्वारा वर्ष 2016 से विधिवत् सदस्यता प्रदान की गयी है।

राज्य के अन्तर्गत संचालित संस्कृत विद्यालयों की पूर्वमध्यमा (कक्षा-10) एवं उत्तरमध्यमा (कक्षा-12) परिषदीय परीक्षाओं का आयोजन वर्ष 2017 से पूर्व उत्तराचंल शिक्षा एवं परीक्षा परिषद्/उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, रामनगर द्वारा किया गया। वर्ष 2014 में उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा अधिनियम 2014 (अधिनियम सं0 21 वर्ष 2014) के प्रख्यापन के उपरान्त उत्तराखण्ड राज्य में संचालित समस्त संस्कृत विद्यालयों की पूर्वमध्यमा एवं उत्तरमध्यमा की परिषदीय परीक्षाओं का संचालन उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् द्वारा वर्ष 2017 से विधिवत् किया जा रहा है।

वर्तमान व्यवस्था

यह भी उल्लेखनीय है कि माह जून वर्ष 2021 तक उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालय का संचालन गंगोत्री एन्क्लेव, इन्द्रपुर बद्रीपुर रोड, देहरादून से किया गया, तत्पश्चात उत्तराखण्ड शासन के पत्र सं०- 103/ XLII-1/2022-05(08) 2010 दिनांक 19 मई, 2022 के क्रम में जुलाई, 2022 से 06 सितम्बर, 2024 तक परिषद् कार्यालय का संचालन संस्कृत भवन, रानीपुरझाल, ज्वालापुर, हरिद्वार -249407 से किया गया। वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन, संस्कृत शिक्षा अनुभाग, देहरादून के दिनांक 06 सितम्बर, 2024 के शासनादेश के अनुपाल में उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् कार्यालय का संचालन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, देहरादून के भवन के द्वितीय तल से किया जा रहा है।

वर्तमान का पता

कार्यालय का वर्तमान का पता उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद्, द्वितीय तल, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, देहरादून पिन-248001 ईमेल-uksspd[@]gmail[dot]com